इंसानों के कंधे पर इंसान जा रहे हैं,
कफ़न में लिपट कर कुछ अरमान जा रहे हैं,
जिन्हें मिली मोहब्बत में बेवफ़ाई,
वफ़ा की तलाश में वो कब्रिस्तान जा रहे हैं।
कलम उठाई है, लफ्ज नही मिलता,
जिसे ढूँढ रहा हूँ वो शक्स नही मिलता,
फिरते हो तुम जमाने की तलाश में,
बस हमारे लिए तुम्हें वक्त नही मिलता
तेरी चाहत में हम ज़माना भूल गये,
किसी और को हम अपनाना भूल गये,
तुम से मोहब्बत हैं बताया सारे जहाँ को,
बस एक तुझे ही बताना भूल गये..