पहली मोहब्बत के लिए दिल ❤ जिसे चुनता है ☝ वो अपना हो ना हो,
लेकिन दिल पर ❤ हमेशा उसी का राज रहता है ।।
ख़्वाब रूठे हैं मगर हौसले अभी ज़िंदा हैं,
हम वो शक्स है जिससे मुश्किलें भी शर्मिंदा हैं।
मोहब्बत है गर तो मिज़ाज ज़रा नर्म रखिये,
ज़िद्दी होने से इश्क़-ऐ-सुकून में ख़लल पड़ता है।
एक सवाल पूछती है मेरी रूह अक्सर..
मैंने दिल लगाया है या ज़िंदगी दाँव पर।
ख़्वाहिश को ख़्वाहिश ही रहने देना..
ज़रूरत बन गई तो नींद नहीं आएगी।
इश्क़ वो है.. जब मैं शाम को मिलने का वादा करूँ
और.. वो दिन भर सूरज के होने का अफ़सोस करे
कोई सुलह करा दे ज़िन्दगी की उल्झनों से,
बड़ी तलब लगी है आज मुसकुराने की।
बड़ी तलब लगी है आज मुसकुराने की।
कर लेता हूँ बर्दाश्त हर दर्द इसी आस के साथ..
की खुदा नूर भी बरसाता है आज़माइशों के बाद
की खुदा नूर भी बरसाता है आज़माइशों के बाद
किसी पर मर जाने से शुरू होती है..
मोहब्बत, इश्क़ जिंदा लोगों का काम नहीं।
मोहब्बत, इश्क़ जिंदा लोगों का काम नहीं।
तुमने ही बदले हे सिलसिले अपनी वफ़ाओ के..
वरना, हमे तो आज भी तुम से अज़ीज़ कोई न था
वरना, हमे तो आज भी तुम से अज़ीज़ कोई न था
रोने का गम वही जानता है,
जिसने किसी अपने
बेहद करीबी को खोया हो…
जिसने किसी अपने
बेहद करीबी को खोया हो…
ये संगदिलों की दुनिया है, ज़रा संभल के चलना 'दोस्त';
यहाँ पलकों पे बिठाया जाता है, नज़रों से गिराने के लिये!
यहाँ पलकों पे बिठाया जाता है, नज़रों से गिराने के लिये!
मिले तो हजारों लोग थे, जिंदगी में,
पर वो सबसे अलग था,जो किस्मत में नहीं था…!
पर वो सबसे अलग था,जो किस्मत में नहीं था…!
बताओ क्या मिला तुमको भला हमसे खफा हो के,
सुना है तुम भी तनहा हो अब हमसे जुदा हो के…
सुना है तुम भी तनहा हो अब हमसे जुदा हो के…
कमाल का शख्स था, जिसने ज़िंदगी तबाह कर दी;
राज़ की बात है दिल उससे खफा अब भी नहीं।
राज़ की बात है दिल उससे खफा अब भी नहीं।
तुम्हारा नाम, किसी अजनबी की जुबान पर था;
बात जरा सी थी, पर चुभी बहुत!
बात जरा सी थी, पर चुभी बहुत!
सुनो एक बार और मोहब्बत करनी है तुमसे;
लेकिन इस बार बेवफाई हम करेंगे!
लेकिन इस बार बेवफाई हम करेंगे!
समेट कर ले जाओ अपने झूठे वादों के अधूरे क़िस्से;
अगली मोहब्बत में तुम्हें फिर इनकी ज़रूरत पड़ेगी।
अगली मोहब्बत में तुम्हें फिर इनकी ज़रूरत पड़ेगी।
ना करना हमसे प्यार का फिर झुठा वादा;
माँगी है आज दुआ के तुझे भूल जायें हम!
हमने तेरे बाद न रखी किसी से महोब्बत की आस;
एक शक्स ही बहुत था जो सब कुछ सिखा गया!
एक शक्स ही बहुत था जो सब कुछ सिखा गया!